*और जो दिखाई देता है...
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सन्दर्भ :
दृष्टा दृशिमात्रः शुद्धोऽपि प्रत्ययानुपश्यः।।२०।।,
प्रत्ययस्य परचित्तज्ञानम्।।१९।।
दृष्टा -- जो है, जिसे दिखाई देता है।
दृश्य -- आभास, जो हो रहा है।
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जो है,
वह है!
और जो दिखाई देता है,
वह हो रहा है!
जो हो रहा है,
वह दिखाई देता है!
और जिसे दिखाई देता है,
वह है!
और वह जैसा दिखाई दे रहा है,
वह, हो रहा है!
जो हो रहा है,
वही दिखाई दे रहा है!
जिसे दिखाई दे रहा है,
वह है, किन्तु दिखाई नहीं देता!
जो हो रहा है,
जो है,
और जो हो रहा है,
समय है,
जो दिखाई नहीं देता,
अनुभव भी नहीं होता,
किन्तु गतिशील है,
और गतिशील है,
किन्तु अचल है!
ध्रुव सत्य!
जो दिखाई दे रहा है,
वही है,
और उसे ही वह दिखाई दे रहा है!
जो है!
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(पातञ्जल योग-सूत्र : साधनपाद -२०),
(पातञ्जल योग-सूत्र : विभूतिपाद - १९).
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उज्जैन, 12-08-2022, 03:15 a.m.
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